Love Jihad Conspiracy
आजकल समाज में हजारों ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे जिनमें लव-जिहाद में फँसने वाली लड़कियों का जीवन बर्बाद हो गया है लेकिन जिन्होंने लव-जिहाद में फँसने के बाद इससे बचने की कोशिश की उनकी नृशंसता पूर्वक हत्या कर दी गई। इस प्रकार के कुकर्म करने की सीख इस्लाम की तथ्यकथिक आसमान से उतरी हुई किताब कुरान में दी गई है और इसका प्रशिक्षण मदरसे मे मिलने वाली शिक्षा में दिया जाता है। जिसके कुछ उदाहरण नीचे दिए गए हैं जिनकी जानकारी पीड़ित अथवा पीड़ित के माता-पिता या फिर समाचारों द्वारा समाज के सामने आई है।
किसी मुस्लिम द्वारा नाम बदलकर अथवा सेकुलर रूप धारण कर किसी हिन्दू लड़की अथवा महिला को झूठे प्यार फँसाकर उसका धर्म परिवर्तन करवाने “लव जिहाद” कहते हैं। इस प्रकार की घटना से समाज में हिन्दू लड़की का परिवार बर्बाद हो जाता है। आमतौर पर जब किसी की बहन या बेटी घर से भाग जाती है तो समाज के आगे उस परिवार को शर्मिंदा होना पड़ता है और जब किसी की बहन-बेटी किसी मुस्लिम के साथ भाग जाती है तो उस लड़ी का परिवार समाज के आगे मुंह छुपाता फिरता है। लड़की को मुस्लिम लड़के का प्यार सच्चा लगता है जबकि एक मुस्लिम जिसकी मानसिकता 4-4 शादी करने की हो, जिसका धर्म उसे अपनी ही बहनों, चाची, ताई, मौसी, बुआ और सौतेली माँ तक को बुरी नजर से देखने की इजाजत देता हो वह सच्चा प्यार कैसे कर सकता है? यहाँ तक की गैर मुस्लिमों के साथ ऐसा करने से उसे जन्नत में 72 हूर मिलेंगी ऐसा कहने वाली “कुरान” और “हदीस” उसे यह कुकर्म करने के लिए उकसाती हैं।
वैसे तो लव जिहाद को लेकर कोई दस्तावेज नहीं मिलता। लेकिन आज आपको एक ऐसे दस्तावेज के विषय में बताता हूँ जिसे वॉयस फॉर जस्टिस (VOICE FOR JUSTICE) नामक संस्था ने 2012 में निकाला था। इस संस्था के सदस्य किसी हिन्दू संगठन या राजनैतिक पार्टी के लोग नहीं थे बल्कि उच्च पदों से रिटायर अधिकारी थे जिनमें सिक्किम हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायधीश (Former Chief Justice of the High Court of Sikkim), आंध्र प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (Former Director General of Police, Andhra Pradesh), पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता (Former Additional Advocate General), डॉक्टर्स और वकील ने मिलकर यह दस्तावेज तैयार किया था।
इस दस्तावेज में वॉयस फॉर जस्टिस संस्था के सदस्यों ने केरल के 13 राज्यों की 2866 शिकायतों में जिनमें से केवल 703 केस ही रजिस्टर हुए थे और इन 703 केस में से केवल 260 लड़कियां ही रिकवर की जा सकीं। संस्था ने उन सभी से संपर्क करने के बाद यह दस्तावेज तैयार किया था जिनमें उन लड़कियों के साक्षात्कार (Interview) के अंश भी हैं। नीचे रिपोर्ट मे जाकर पूरी रिपोर्ट देख सकते है।
https://drive.google.com/file/d/1UO-2GlPOI8zrrYGbO2u4qQZdU–4LbQq/view
जब से भारत मे इस्लाम का आगमन हुआ है तभी से हिन्दू संस्कृति के मान-सम्मान और प्रतिष्ठा पर भीषण आघात होते रहे हैं। मुस्लिम सदैव इस ताक में रहते हैं कि किस प्रकार हिन्दू समाज की प्रतिष्ठा को मिट्टी में मिलाया जाए। इतिहास में और वर्तमान में भी इसके बहुत से उदाहरण देखने को मिल जाएंगे जैसे कि महमूद गजनवी द्वारा लगभग 4 लाख से ज्यादा हिन्दू स्त्रियों को बंधक बनाकर गजनी ले जाकर 2-2 दीनार में नग्न करके बेचना और बाद में कुछ कट्टरपंथियों द्वारा उस स्थान पर एक मीनार बनवाकर उस पर “दुख्तरे हिन्दुस्तान-नीलाम ए दो दीनार” लिख देना। जिसका अर्थ है कि यह वह स्थान है जहां हिन्दू औरतें 2-2 दीनार में नीलाम हुईं। जैसा कि उर्दू शब्दकोश का एक शब्द है “इज्जत नीलाम करना” जबकि हिन्दी अथवा हिन्दुओं के किसी भी साहित्य में ऐसा कोई वाक्य नहीं मिलेगा क्योंकि हिन्दू संस्कृति मे यह मर्यादाओं के विरुद्ध है और इतिहास में यदि ऐसा कहीं हुआ तो ऐसा कार्य करने वाले का उसके वंश सहित सर्वनाश हुआ है।
जहां तक हिन्दू समाज की आस्था और प्रतिष्ठा को चोट पहुँचने की बात है तो उसके उदाहरण यह हैं कि बकर-ईद की मुख्य कहानी मे जब बकरा था तो गाय क्यों काटनी है? और यदि बकरा काट कर ईद मनाई जा सकती है तो गाय की हत्या करके ही ईद क्यों मनानी? दूसरी बात यह कि हिन्दू समाज में नारी का स्थान बहुत ही सम्मान का है। गाँव के किसी भी घर की बेटी हो, चाहे वह किसी भी जाति की ही क्यों न हो, लेकिन वह गाँव की बेटी ही कहलाती है। ऐसी ही स्थिति हिन्दू समाज की है जब कोई मुस्लिम किसी हिन्दू लड़की को झूठे प्यार के जाल में फँसा लेता है तो वह दूसरे माध्यमों से हिन्दू समाज के लोगों को धर्म और जाति के नाम से ताना मारता है। नीचे दी गई
हिन्दू हेल्पलाइन (Hindu Helpline)
वर्तमान में भी लाखों हिन्दू लड़कियां ऐसे इस्लामी षड्यंत्रों का शिकार हो रखी हैं जिनकी रक्षा के लिए हिन्दू संगठनों ने “हिन्दू हेल्पलाइन” बना रखी हैं जिससे उन्हें समय रहते जानकारी मिल जाए और अपने प्रयासों द्वारा वे उस बहन-बेटी का जीवन सुरक्षित कर जिहादी को सजा दिलवा सकें।
लेख में सम्मिलित किए गए विडिओ विभिन्न न्यूज चेनलों के हैं इस लेख की यही प्रामाणिकता है।
बाईं ओर दिए गए विडिओ में कुछ समाचार पत्रों की कटिंग को जोड़कर विडिओ बनाया है। संभवतः पढ़ने और इसमें दिखाए गए सभी विडिओ को देखकर हिन्दू समाज की बहन-बेटियों को उचित जानकारी मिली होगी।
आशा करता हूँ कि आप सभी स्वयं तो जागरूक होंगे ही और औरों को भी जागरूक करेंगे…!
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